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आज भी है- Aaj Bhi Hai-best hindi Ghazal by ℕ 𝕂𝕦𝕞𝕒𝕣

वो जुनून वो खुमारी आज भी है।
दिल में यादें तुम्हारी आज भी है।

वो ख़त, तस्वीरें वो तोहफ़े तुम्हारे,
निशानियां ढेर सारी, आज भी है।

मिलता तो मैं भी बताता तुमको,
वैसी ही दुनियादारी, आज भी है।

रात भर जाग कर, दिन भर सोना,
वही आदतें हमारी, आज भी है।

हंसकर गमों का सैलाब रोक लेना,
मेरे अंदर ये कलाकारी आज भी है।

सोचता हूं मरकर भी दिखाऊं तुमको,
मगर सर पर जिम्मेदारी, आज भी है।

रिश्ते-नाते सब ख़त्म, हो गए "कुमार"
बस अपनी कलमकारी आज भी है।

©N Kumar "Sahab"




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